पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें: 5 प्राकृतिक उपाय जो आपके जीवन को बदल देंगे

आज की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जिंदगी में पीसीओडी में मासिक धर्म को कैसे नियमित किया जाए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न बन गया है क्योंकि पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर) महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है। एक आम स्वास्थ्य समस्या है। यह हार्मोनल असंतुलन होता है, जिसमें अंडाशय (Ovary) में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं और ओव्यूलेशन प्रभावित होता है। जिसके कारण पीरियड्स समय पर नहीं आते या अनियमित हो जाते हैं।

पीसीओडी का असर केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। अनियमित पीरियड्स, चेहरे या शरीर पर बाल बढ़ना, वजन बढ़ना और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं आत्मविश्वास कम करती हैं। ऐसे में यह समझना ज़रूरी हो जाता है कि पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें, ताकि न केवल हार्मोन बैलेंस बना रहे बल्कि मानसिक शांति भी बनी रहे।

एक डॉक्टर के तौर पर मेरा अनुभव है कि सही जीवनशैली और घरेलू उपायों से बिना दवा के भी आप पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें इसका समाधान पा सकते हैं। इस आर्टिकल में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकें। ये भी पढ़ना 

पीसीओडी में पीरियड्स अनियमित होने के कारण

पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें

पीसीओडी (Polycystic Ovary Disorder) में पीरियड्स का लेट होना या बिल्कुल न आना, हार्मोनल और लाइफस्टाइल फैक्टर्स का परिणाम है।
एक डॉक्टर के तौर पर मैंने कई मरीजों में देखा है कि कुछ मुख्य कारण लगातार पीरियड्स के चक्र को बिगाड़ते हैं।

1. हार्मोन असंतुलन (LH, FSH और Insulin Resistance)
पीसीओडी में शरीर में LH (Luteinizing Hormone) और FSH (Follicle Stimulating Hormone) का अनुपात बिगड़ जाता है।
इस बदलाव से अंडाशय का सामान्य ओव्यूलेशन रुक जाता है।
साथ ही, इंसुलिन रेसिस्टेंस होने पर शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है, जो अंडाशय को ज्यादा एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) बनाने के लिए प्रेरित करता है।
यह हार्मोनल असंतुलन पीरियड्स को अनियमित बना देता है।

2. तनाव और नींद की कमी
लगातार मानसिक तनाव और 6 घंटे से कम नींद, शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ा देती है।
यह हार्मोन ओवरी के फंक्शन को प्रभावित करता है और मासिक चक्र में देरी करता है।
मेरे अनुभव में, जो महिलाएं योग और मेडिटेशन से तनाव कम करती हैं, उनके पीरियड्स जल्दी नियमित हो जाते हैं।

3. गलत खानपान (ज्यादा चीनी, प्रोसेस्ड फूड)
अत्यधिक शक्कर, सफेद आटा, फास्ट फूड और पैकेट वाले स्नैक्स, ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं और इंसुलिन रेसिस्टेंस को खराब करते हैं।
लंबे समय में यह हार्मोनल असंतुलन को गहरा कर देता है और पीरियड्स में देरी लाता है।

4. शारीरिक गतिविधि की कमी
पीसीओडी में अगर आप सक्रिय नहीं हैं, तो मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और वजन तेजी से बढ़ता है।
शारीरिक निष्क्रियता इंसुलिन रेसिस्टेंस और हार्मोनल गड़बड़ी, दोनों को बढ़ावा देती है।
प्रतिदिन लगभग 40 मिनट टहलने और व्यायाम करने से मासिक धर्म प्रवाह में सुधार होता है।

5. वज़न बढ़ना (Obesity)
अधिक वज़न खासकर पेट के आसपास की चर्बी, हार्मोन बैलेंस को बिगाड़ती है।
ओवरी पर दबाव बढ़ने से ओव्यूलेशन कम होता है और पीरियड्स का अंतराल बढ़ जाता है।
अध्ययनों के अनुसार, सिर्फ 5–10% वजन घटाने से कई महिलाओं में पीरियड्स का चक्र नियमित हो सकता है।

पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें

 

पीसीओडी में पीरियड्स नियमित करना मुश्किल लगता है, लेकिन सही खानपान, वजन प्रबंधन, योग और कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से यह संभव है।
मेरे अनुभव में, जिन मरीजों ने इन तरीकों को अपनाया, उन्होंने 2–3 महीनों में अपने मासिक चक्र में सुधार महसूस किया।
आइए जानते हैं पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर करने के प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय। और पढ़े 

सही डाइट अपनाएं

  • संतुलित और पोषक आहार पीसीओडी में सबसे पहला कदम है।
  • ब्राउन राइस, ओट्स और दलिया जैसे होल ग्रेन्स का सेवन करें।

इसके अलावा, ये इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम करने में भी मददगार होते हैं।
होल ग्रेन्स में मौजूद फाइबर और पोषक तत्व हार्मोन संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं।

Fruits & Green Vegetables:- सेब, अमरूद, पालक, मेथी, ब्रोकली में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भरपूर होते हैं, जो हार्मोनल बैलेंस बनाए रखते हैं।

Low GI Foods:- ओट्स, दाल, चना, बादाम, अखरोट ब्लड शुगर स्पाइक को रोकते हैं और पीरियड्स के चक्र को नियमित करने में मदद करते हैं।

चीनी और जंक फूड से दूरी रखें, क्योंकि ये इंसुलिन रेसिस्टेंस और हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाते हैं।
एक डाइट चार्ट में सुबह के नाश्ते में ओट्स या दलिया, दोपहर में दाल-चावल/ब्राउन राइस, और रात में हल्का खाना शामिल करें।

वजन नियंत्रण

अगर किसी का वज़न बहुत अधिक बढ़ गया हो तो PCOD को ज़्यादा ख़राब कर देता है वैज्ञानिको की रिसर्च से पता चलता है की वज़न काम करने से तक़रीबन 10 प्रतिशत हॉर्मोन बेहतर तरीके से बेलेन्स हो जाते है ओव्यूलेशन अपने सही नियम के साथ हो सकता है

कार्डियो एक्सरसाइज:- तेज़ चलना, साइकिलिंग, तैराकी हफ्ते में 5 दिन, कम से कम 30 मिनट करें।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (वेट लिफ्टिंग, स्क्वैट्स, प्लैंक्स):- मांसपेशियों को मजबूत बनाकर मेटाबॉलिज्म तेज करती है, जिससे वजन तेजी से नियंत्रित होता है।
मेरे पास आने वाली महिलाओं में से जो सही आहार योजना का पालन करती हैं और रोजाना व्यायाम करती हैं, उनके पीरियड्स 2 से 3 महीने के भीतर नियमित हो जाते हैं।

नियमित योग और व्यायाम

पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें

योग पीसीओडी में हार्मोनल असंतुलन को कम करने और तनाव घटाने का बेहतरीन तरीका है।

योगासन:

भुजंगासन (कोबरा मुद्रा) – यदि आप पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत करना चाहते हैं, तो भुजंगासन, या कोबरा मुद्रा करते रहें, जो रक्त प्रवाह में सुधार करता है।
मालासन (Garland Pose) – पेल्विक क्षेत्र में लचीलापन लाता है और ओव्यूलेशन सुधारता है।

पश्चिमोत्तानासन – हार्मोनल बैलेंस और पाचन दोनों को सुधारता है।

अनुलोम विलोम – नर्वस सिस्टम को शांत कर तनाव घटाता है।

कपालभाति – पेट की चर्बी कम करके इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधारता है।
रोज़ाना 20–30 मिनट योग और 15 मिनट प्राणायाम पीसीओडी मैनेजमेंट में बहुत असरदार है।

हर्बल और घरेलू नुस्खे

पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें

आयुर्वेद और घरेलू उपचार पीसीओडी में पीरियड्स को नियमित करने में सहायक होते हैं।

दालचीनी पाउडर – आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ लेने से ब्लड शुगर और हार्मोन बैलेंस होता है।

मेथीदाना पानी – रातभर भिगोकर सुबह खाली पेट पीने से इंसुलिन रेसिस्टेंस कम होता है।

अलसी के बीज (Flax Seeds) – ओमेगा-3 और लिग्नान से भरपूर, जो हार्मोन को प्राकृतिक रूप से संतुलित करते हैं।

अशोक छाल – आयुर्वेद में पीरियड्स और गर्भाशय की सेहत के लिए प्रसिद्ध है।
इन नुस्खों को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लें, ताकि कोई साइड इफेक्ट न हो।

तनाव प्रबंधन

तनाव पीसीओडी का छुपा हुआ बड़ा कारण है, जो मासिक चक्र को सीधे प्रभावित करता है।

ध्यान: यदि आप अपनी मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ध्यान करते हैं, तो आपके मन को शांति मिलेगी और आपका हार्मोनल संतुलन भी बेहतर होगा।

Screen time कम करना – देर रात मोबाइल/लैपटॉप का इस्तेमाल नींद की गुणवत्ता को खराब करता है।
तनाव पर नियंत्रण पीसीओडी मैनेजमेंट का उतना ही अहम हिस्सा है जितना सही खानपान।

डॉक्टर से कब संपर्क करें

पीसीओडी में पीरियड्स की अनियमितता अक्सर घरेलू उपायों से सुधर जाती है, लेकिन कुछ स्थितियों में डॉक्टर से समय पर संपर्क करना बहुत जरूरी होता है।
नीचे दिए गए संकेतों पर ध्यान दें और अगर ये आपके साथ हैं, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से मिलें:

  • तीन महीने या उससे ज्यादा समय तक पीरियड्स नहीं आना

  • मासिक धर्म में अत्यधिक दर्द या असामान्य रक्तस्राव होना।

  • चेहरे या शरीर पर अनियमित और अधिक बालों का विकास (हिर्सुटिज्म)।

  • बिना किसी वजह के तेजी से वजन बढ़ना या घटना

  • बार-बार मूड स्विंग्स, तनाव या डिप्रेशन की समस्या।

  • गर्भधारण में कठिनाई आना।

  • कोई पूर्व रोग जैसे थायराइड या डायबिटीज़ हो और लक्षण बिगड़ रहे हों।

निष्कर्ष

इस तरह के लक्षण दिखने पर गायनेकोलॉजिस्ट या एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से परामर्श लेना जरूरी है।
सही निदान और उपचार से पीसीओडी को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।

पीसीओडी में पीरियड्स अनियमित होना महिलाओं के लिए चिंता का विषय हो सकता है, लेकिन सही जानकारी और प्रयास से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें, तो सबसे जरूरी है कि आप अपने खानपान, व्यायाम और तनाव प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें।

इसके अलावा, प्राकृतिक घरेलू नुस्खे जैसे दालचीनी, मेथीदाना और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना भी मददगार साबित होता है। अंत में, अगर आप सोच रहे हैं कि पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें, तो समझ लें कि निरंतरता और सही मार्गदर्शन से यह संभव है।

यदि घरेलू उपायों से भी सुधार न हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें, क्योंकि विशेषज्ञ की मदद से ही आप इस स्थिति का सही इलाज कर सकते हैं। इस प्रकार, जानना और समझना कि पीसीओडी में पीरियड्स रेगुलर कैसे करें आपके स्वस्थ जीवन की दिशा में पहला कदम है।

Drx. Shuaib Alam

✍ लेखक: Drx. Shuaib Alam

मैं Drx. Shuaib Alam एक अनुभवी हेल्थ और रिसर्च आधारित ब्लॉगर हूं, जो घरेलू उपाय और यूनानी चिकित्सा में गहरी रुचि रखते हैं। मेरा मकसद है बिना दवाओं के प्राकृतिक तरीकों से लोगों की सेहत में सुधार लाना।

🔗 Instagram | YouTube

Leave a Comment